भारत में बायोफ्लॉक मछली पालन प्रशिक्षण (मछली पालन ट्रेनिंग सेंटर राजस्थान) 5 सालों से आपके साथ !

अब मछली पालन करें आधुनकि बायो फ्लॉक तकनीक के साथ!

अगर आप भी सफल मछली पालक बनाना चाहते हैं तो आज ही हमसे जुड़े व् मछली पालन ट्रेनिंग सेंटर राजस्थान के विषेशज्ञों से प्रशिक्षण ले!

जयपुर में व्यक्तिगत बायो फ्लॉक फिश फार्मिंग ट्रेनिंग उपलब्ध है!

( 2 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम | 2 Days Training Program)

BioFloc Fish Farming Training Centre

For More info Please call @ ☏: 9784542327

Biofloc Fish Farming in Hindi – आप बायोफ्लॉक मछली पालन की ट्रेनिंग हिंदी में भी प्राप्त कर सकते हैं

मछली पालन ट्रेनिंग सेंटर राजस्थान से जुड़ कर मछली पालन का प्रशिक्षण लें और जानिए कैसे कम जगह और कम पानी में ज्यादा मछली उत्पादन करें !

बायोफ्लॉक मछली पालन प्रशिक्षण में आप तिलाफिआ, पंगेसियस, पाबड़ा, सिंघी व् माँगुर जैसी मछलियों के पालन की बारीकियां सीख पाएंगे

हिंदी में Biofloc मछली पालन, बायोफ्लॉक मछली पालन प्रशिक्षण में अन्य जानकारी जो आप ले पाएंगे:

  1. मछली पालन के लिए टैंक का निर्माण (How to Prepare Tanks for Biofloc fish farming)
  2.  मछली पालन के लिए पानी की तैयारी (Water preparation in Biofloc)
  3.  मछलियों के लिए भोजन की व्यवस्था या निर्माण (Type of fish feed in Biofloc)
  4.  मछलिओं का भोजन कैसे बनायें या किस प्रकार का भोजन दें (How to prepare fish feed at Home)
  5.  मछलियों को भोजन किस मात्रा में दें (Understanding Feed %)
  6.  मछलियों में मुख्य रूप से कौन कौन सी बिमारिया होती हैं (Which are main decisis in Biofloc)
  7.  मछलियों में ग्रेडिंग की आवश्यकता (Requirement of Grading in Biofloc)
  8.  मछलियों की सैंपलिंग कैसे करें और इसकी आवश्यकता (How to do sampling)
    व इसी तरह की अन्य आवश्यक जानकारी  

बायोफ्लॉक मछली पालन क्यों करें ?
बायो फ्लॉक मछली पालन के व्यवसाय में क्यों आएं?

बायो फ्लॉक मछली पालन भारत में काफी लाभदायक सिद्ध हो सकता है, क्योंकि करीबन 60 प्रतिशत आबादी मछली खाना पसंद करती है. भारत में मछली की मांग बढ़ने के मुख्य कारण हैं – एक तो मछली काफी स्वादिष्ट होती है व् मछली प्रोटीन व विटामिन का प्रचुर स्रोत है!

आज के युग में लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति काफी जागरूक हैं इसलिए अपने शौक व स्वास्थय सम्बंधित जरूरतों के लिए मछली का सेवन करना पसंद करते हैं!

इन्ही कुछ कारणों से बायो फ्लॉक मछली पालन व्यवसाय तेजी से पनप रहा है और अगर कृषि से सम्बंधित व्यापारों की बात करें तो भारतीय अर्थवयवस्था में मछली पालन उद्योग की हिस्सेदारी तक़रीबन 4.6% से जयादा है!

हर मछली पालन ट्रेनिंग सेंटर में लोग अक्सर ये सवाल सुनने को मिलता है की

मछली पालन में कितना पैसा मिलता है?

  • मछली पालन में कितना पैसा मिलता है या कितना पैसा कमाया जा सकता है ये मछली की किस्म, आपके तालाब के क्षेत्रफल व् इस बात पर निर्भर करता है की आप कितना सही तरीके से मछली पालन करते हैं!
  • जैसे आप अगर कतला, रोहू जैसे (IMC) मछलियों का पालन करते हैं तो 1 किलो की मछली का थोक भाव आपको रूपये 200 से 250 तक मिल सकता है!
  • अगर आप कैट फिश का पालन कर रहे हैं तो थोक भाव रूपये 300 से 400 प्रति किलो तक मिल सकता है पर ये सब सीजन या फिर मछली की उपलब्धता पर भी निर्भर करता है!

मछली कितने दिन में 1 किलो की हो जाती है?

मछली कितने दिन में 1 किलो की हो जाती है? या बेचने लायक साइज में कितने दिनों में आ जाती है, ये पाले जाने वाली मछली की किस्म पर निर्भर करता है, जैसे:

  • IMC (कतला, रोहू व् मृगल) क़रीब 8 से 10 माह में 1 किलो के लगभग हो जाती है!
  • इसी तरह से कैट फिश जैसे सिंघी 7 से 8 माह में 100 ग्राम वजन ले लेती है,
  • देसी मांगूर को भी लगभग 100 ग्राम होने में इतना ही समय लगता है!
  • मुरल या स्नेक हेड 8 से 10 माह में 900 ग्राम से 1 किलो का साइज ले लेती है.
    पर विशेष ध्यान देने वाली बात है की मछली की ग्रोथ मौसम, मछली की किस्म व् दिए जाने वाले भोजन पर भी निर्भर करती है!

नया तालाब में मछली पालन कैसे करें?
मछली पालन का बिजनेस कैसे शुरू करें?

1 एकड़ में कितनी मछली पाली जा सकती है?

हमरे क्षेत्र में 1 एकड़ में कितनी मछली उगाई जा सकती है?

1 एकड़ में कितनी मछली पाली जा सकती है इस सवाल का जवाब पाले जाने वाली मछली की किस्म या प्रकृति पर निर्भर करता है, जैसे
A – कैटफिश
– देसी मांगूर, सिंघी करीब 40,000 फिंगरलिंग्स
– पंगास करीब 30,000 से 35,000 फिंगरलिंग्स
B – IMC
– कतला, रोहू व् मृगल 8,000 से 10,000 फिंगरलिंग्स
– पंगास करीब 30,000 से 35,000 फिंगरलिंग्स

भारत में मछली पालन व्यवसाय की सम्भावना या भविष्य

भारत में व्यवसायिक तौर पर मछली पालन (Fish Farming) की प्रचुर संभावना है क्योंकि …

  1. भारत में मुख्य तौर पर 60% लोग मछली का सेवन करना पसंद करते हैं
  2. मछलियों में प्रोटीन की मात्रा अच्छी होने से इसकी मांग व कीमत हमेशा अच्छी बनी रहती है
  3. भारत में मछलियों के लिए मौसम की अनुकूलता की वजह से किसी भी तरह के नुकसान की सम्भावना अन्य व्यसाया की अपेक्षा कम होती है
  4. अपने देश में खेती योग्य मछलियों की काफी सारी प्रजातियां व् उपजातिया आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं जिन्हे लोग बड़े चाव से कहते हैं
  5. आप उनमेसे से उस नस्ल का चुनाव कर सकते हैं जो जल्दी बड़ी होती हैं व उनका व्यापारिक दृष्टि से मूल्य भी अच्छा मिलता है
  6. मछली पालन में मुनाफा लेने के लिए आसानी से बिकने योग्य व मुनाफा देने वाली मछली का चुनाव करना जरुरी है ! आपको ये सुनिश्चत करना है की आपकी पुरे कल्चर की मेहनत व्यर्थ न चली जाये ! आपको उन्ही मछली की प्रजाति का पालन करना है जो आपके आस पास के मार्केट में आसानी से बिक जाये और उनका दाम भी आपको उचित मिले !
  7.  बायोफ्लॉक विधि से मछली पालन में वैसे तो कोई समस्या नहीं आती परन्तु हमें विशेष रूप से सर्दियों में तापमान नियंत्रण का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए, तापमान में जायदा उतार चढ़ाव से मछलियों में तनाव उत्पन होता है और उनमे बीमारियां आने की सम्भावना बढ़ जाती है !

बायोफ्लॉक मछली पालन प्रशिक्षण

For More Details Please Whatsapp @ ☏: 9784542327

Why Biofloc Fish Farming Training Program is needed
बायो फ्लॉक फिश फार्मिंग प्रोग्राम की क्या आवश्यकता है

मछली पालन का व्यवसाय अच्छे मुनाफे वाला व्यवसाय है व दूसरे सभी कार्यो की तरह ट्रेनिंग लेकर अपना खुद का व्यवसाय प्रारम्भ किया जा सकता है !

पर कई बार ये प्रश्न उठता है की मछली पालन में ट्रेनिंग की क्या आवश्यकता है ?

Group Fish Farming Training in Jaipur

क्या जो लोग काफी सालों से मछली पालन कर रहे हैं क्या उन्होंने कभी किसी से कोई मछली पालन की ट्रेनिंग ली अगर नहीं तो फिर हमें इस तरह की किसी ट्रैनिंग की क्या जरुरत है?

कुछ हद तक ये सही है की आपको मछली पालन की ट्रेनिंग की कोई जरुरत नहीं है ये कार्य आप बिना किसी की सहायता के भी कर सकते है पर समस्या ये आती है की अगर आपको मछली पालन की मूलभूत जानकारी नहीं है तो भविष्य में मछली पालन में आने वाली कोई समस्या अगर आपके सामने आती है तो आप उसका सामना कैसे करेंगे ?

जैसे
1– मछलियों को कितना व कोनसा खाना दिया जाये जिससे उनकी ग्रोथ अच्छी व जल्दी हो
2– मछली पालन में पानी की तैयारी व टैंक या पोंड कैसे बनाये
3 – अगर कोई बीमारी आई तो उसके लिए क्या करना पड़ेगा

इसी तरह की और भी कई समस्याएं आती है और अगर आपने किसी सही जगह से ट्रेनिंग ली है तो आपको काफी चीजों के बारे में जानकी मिल जाएगी और इस तरह की किसीभि समस्या का सामना आप आराम से कर पाएंगे!

ट्रैनिंग लेने के बाद आप किसी भी समाया का समाधान जल्दी कर पाएंगे व किसी भी सम्भावित नुकसान से बच पाएंगे ! मछली पालन में समय काफी महत्व रखता है !

किसी भी कार्य को करने से पहले उसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त कर लेना आवश्यक है और वो भी उस अवस्था में जब आप उस कार्य से अपनी जीविका अर्जन करने का सोच रहे हैं तब तो जानकारी प्राप्त करना और भी जरुरी है,

अन्यथा हो सकता है की आपको असफलता का सामना करना पड़े या फिर वो कार्य जो आपने बिना सीखे शुरू कर दिया या फिर आपको उसके बारे में जायदा जानकारी नहीं है तो हो सकता है की वो आपके लिए घाटे का कार्य साबित हो और आपका मूल्यवान समय व मेहनत से अर्जित किया हुआ धन उसमे लग जाये व कोई लाभ ना अर्जित कर पायें |

बायोफ्लॉक मछली पालन में ट्रेनिंग की आवश्यकता

बायो फ्लॉक मछली पालन भी इसी तरह का कार्य या व्यसाय है जिसमे आपको इस कार्य से सम्बंधित जानकरी होना आवश्यक है ! हो सकता है आपने काफी लोगो को ये कहते सुना होगा की मछली पालन का कार्य करने के लिए कोई ट्रेनिंग लेने की जरुरत नहीं है आप उसे बिना प्रक्षिक्षण के भी कर सकते हैं !

पर ऐसी बात नहीं है किसी भी कार्य या व्यवसाय को सफल बनाने के लिए मेहनत के साथ व्यवसाय से सम्बंधित बारीकियों का पता होना भी बहुत जरुरी है !

बायो फ्लॉक मछली पालन की एक आधुनकि पद्धति है ! पारम्परिक मछली पालन की तुलना में आप काफी जायदा मछली एक छोटे से टैंक में पाल सकते हैं व अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं !

बायो फ्लॉक मछली पालन का प्रक्षिक्षण उन लोगो के लिए जरुरी नहीं है जिनके परिवार काफी लम्बे समय से मछली पालन से जुड़े हुए हैं पर वो लोग जो इस क्षेत्र में बिलकुल नए हैं व जिनको इस क्षेत्र का कोई अनुभव नहीं है उनको इस कार्य से सम्बंधित प्रक्षिक्षण लेना आव्यशक है

अन्यथा उनको सफल होने में काफी लंबा समय लगेगा और हो सकता है की उन्हें प्रारम्भ में नुकसान झेलना पड़े क्यों की उन्हें उस समय कोई गाइड करने वाला नहीं होगा जब उन्हें किसी मार्गदर्शन की आवयशकता होगी जैसे की मछलियों में बीमारी कब होती है और अगर हो जाये तो उसकी रोकथाम कैसे करें !

मछलियों को कब व किस प्रकार से भोजन दें की उनकी बढ़ोतरी अच्छे से हो व किस मछली का पालन कब करना चाहिए जिससे अच्छा मुनाफा हो ! मछली पालन के लीये टैंक कैसे तैयार करें व पानी के पैरामीटर कैसे मैनेज करें व इसी तरह की और चीजों के लिए प्रक्षिक्षण की आव्यशकता होती है !

For More Details Please Whatsapp @ ☏: 97845 42327

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How To Start Biofloc Fish Farming In India?

Join our Training and ou will learn all the following skills required for successful Biofloc Fish Farmnig in our upcoming Fish Farming Training In Rajasthan
  • How to Prepare Biofloc Fish Farming Tank
  • Initial And Feed Culture
  • When and How to introduce fish in Biofloc Farming Tank
  • How to Prepare Fish Food
  • Day to day activities
  • Water Quality testing
  • and many more

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Basic Understanding About Biofloc Fish Farming or Biofloc Machli Palan

It is an innovative and cost-effective technology in which toxic materials to the fish and shellfish such as Nitrate, Nitrite, Ammonia can be converted to useful product, ie., proteinaceous feed.

It is the technology used in aquaculture system with limited or zero water exchange under high stocking density, strong aeration and biota formed by biofloc.
Original Article can be found here : Biofloc culture