मात्र 70 – 80 रुपये की पीएच टेस्टिंग स्ट्रिप आपकी मछलिओं को मरने से बचा सकती है
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आइये जानते हैं की पीएच कैसे मछलिओं को प्रभावित करता है व् उसको कैसे कंट्रोल या नियंत्रित कर सकते हैं..
सबसे पहले ये देखते हैं की पीएच क्या होता है?
- पीएच पानी में अम्लीयता या क्षारीयता मापने का पैमाना है व् इसको 0 से 14 के बीच में मापा जा सकता है
- आपके तालाब में पीएच का लेवल 7 – 8 होना चाहिए या दूसरे शब्दों में ये पीएच की उत्तम अवस्था या स्वीकार्य सीमा मानी जाती है जिसमे मछलिओं का विकास सबसे अच्छा होता है
- पीएच का लेवल 6.5 से कम या 8.5 से अधिक नहीं होना चाहिए अन्यथा मछलियों के मरने का कारण बन जाएगा! आपको आपने पोंड या तालाब में निरंतर इसको चैक करते रहना चाहिए
- अगर पीएच का लेवल 5 से कम है, तो उसकी अम्लीय प्रकृति हो जाती है वहीं अगर पीएच 09 या 10 से ऊपर जाता है तो उसकी प्रकृति क्षारीय हो जाती है
- अगर तलाब का पीएच लगातार घटता या बढ़ता रहता है तो मछलियां तनावग्रस्त हो सकती हैं
- अपने तालाब के लिए एक स्वस्थ पीएच बनाए रखने से आपके तालाब के जीवों को पनपने में मदद मिलेगी
- ध्यान रखे योग्य बात ये है की पानी का पीएच भी पूरे दिन बदलता रहता है। रात में पौधों द्वारा CO2 छोड़ा जाता है जिसकी वजह से पीएच कम हो जाता है या अधिक अम्लीय हो जाता है तथा दिन के समय जब पौधों द्वारा CO2 का उपयोग किया जाता है, पानी अधिक क्षारीय हो सकता है या पीएच बढ़ सकता है।
पीएच से मछलियां कैसे प्रभावित होती हैं?
- पीएच 8 से ज्यादा होने से अमोनिआ का टॉक्सिक असर जायदा हो सकता है (पानी में उपस्थित अमोनियम घातक अमोनिया में परिवर्तित हो जाती है)
- मछलियों में ब्राउन ब्लड सिंड्रोम हो जाता है इसमें रक्त गाढ़ा ब्राउन हो जाता है व् इस अवस्था में ऑक्सीज़न का प्रवाह शरीर में कम हो जाता है व् मछली तनाव में आ जाती है व् अंततः मर जाती है
- पीएच 7 या 6.5 से कम होने से पानी अम्लीय हो जाता है व् मछली के शरीर की प्रोटेटिव झिल्ली या लेयर को नुकसान पहुँचता है जिससे फंगल, बैक्टीरिया व् पैरासाइट का आक्रमण होने की सम्भावना अधिक हो जाती है
- पीएच कम होने से महली को तैरने, देखने व् सांस लेने में समस्या आने लगती है व् गिल झड़ने लगते है
ये सभी ऊपर दिए गए प्रभाव मछलिओं की मृत्यु का कारण बन जाते हैं!
पीएच को नियंत्रित कैसे करें?
- पानी को समय – समय पर बदलते रहे
- तालाब में वेस्ट या सलज को हटते रहें
- पीएच 6.5 से नीचे जाने की अवस्था में तालाब के क्षेत्रफल के हिसाब से उसमे कलई वाले चुने का छिड़काव करें! 1000 sqr. फिट में 1kg चुने का उपयोग करें व् ध्यान रखे की चुना डालने से पहले उसको कम से कम 24 घंटे पानी में गला कर रखे व् चुने का प्रयोग दोपहर में जब धुप खिली हो तब करें! जल्दी सुबह व् देर शाम चुने का प्रयोग ना करें
- पीएच का मान 8.5 से ऊपर जाने की अवस्था में तालाब के क्षेत्रफल के हिसाब से उसमे एलम या फिटकरी का छिड़काव करें या सोयाबीन मील और कॉटन सीड मील भी डाल सकते हैं या फिर टाटरी एसिड भी मिला सकते हैं या हो सके तो तालाब का पानी बदलने की व्यवस्ता करें
तो दोस्तों ये कुछ विशेष जानकारी थी पीएच की गंभीरता के बारे में, आशा करता हूँ की आपको पसंद आएगी!
अगर आपने भी पीएच किट नहीं ली है तोह आज ही मगवा लें क्यों की बारिश में पीएच कम होना आम बात है और इस मौसम में पीएच व् बिमारिओं से मछली को खतरा जायदा होता है
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